Last Updated on 22, January, 2023 by Dheeraj Ahirwar
हेलो फ्रेंड नमस्कार आज का हमारा टॉपिक है। Internet in india जगत से जुड़ी हुई महत्त्वपूर्ण जानकारी, भारत (INDIA) में इंटरनेट की शुरुआत कब और कैसे हुई? इंटरनेट के महत्त्वपूर्ण रीजन और इंटरनेट से शुरुआत के दिन कैसे और क्या कब हुआ? आदि तमाम जानकारी हम इस आर्टिकल में आपको इंटरनेट इन इंडिया (Internet In India) के माध्यम से सांझा कर रहे हैं। पोस्ट को पूरा पढ़ें यह पोस्ट इंटरनेट जानकारी के लिए बहुत उपयोगी है।
भारत में इंटरनेट की शुरुआत (Internet in india suruaat)
दोस्तों हम शुरुआत करते हैं, भारत में इंटरनेट (Internet in india) की शुरुआत आज से 26 साल पहले हुई थी। आज हमारा ए आर्टिकल 2021 में लिखा गया, तो लगभग 26 साल पहले इंटरनेट की शुरुआत हुई थी। पिछले 5 से 10 साल में डाटा की स्पीड का सबसे बड़ा प्रोडक्ट इंटरनेट बन चुका है।
भारत में इंटरनेट (Internet in india) का सफ़र 26 साल पूरे हो चुके हैं और इस मौके पर Internet In INDIA बेहद ख़ास स्टोरी आपके लिए है। भारत में इंटरनेट के 26 साल पूरे होने के बाद इंटरनेट (Internet) का इस्तेमाल करने के मामले में India वर्ल्ड (World) में दूसरे नंबर का देश है और भारत (Bharat) जल्दी ही पहले नंबर पर आने वाला है।
इंटरनेट की दुनिया (World of Internet) में जितनी क्रांति भारत में हुई है। जिस रफ़्तार से, शायद किसी और विकासशील देश (Developing countries) में ऐसी शुरुआत नहीं हुई है। अब हम आपको बताने वाले हैं। इंटरनेट ने डिजिटल इंडिया (Internet Digital India) की कल्पना को साकार कैसे किया।
इंटरनेट ने डिजिटल इंडिया को साकार (Internet Digital India)
भारत में इंटरनेट (Internet in india) का तालमेल कंप्यूटर से सन 1990 का दशक के तकरीबन आधा गुजर चुका था और भारत में कंप्यूटर (Computers in india) से तालमेल सामंजस्य बैठाया जा चुका था। लेकिन जब इंटरनेट की बात सिर्फ़ बातें ही थी भारत में इंटरनेट (Internet in india) की शुरुआत हुई नहीं थी।
लेकिन इस दिशा में कोशिश जारी थी। सन 1995 में 15 अगस्त से हमारे देश में Internet की शुरुआत हुई. शुरुआत के बाद शायद किसी को अंदाजा नहीं था कि सिर्फ़ दो दशकों में भारत की तस्वीर इससे कितनी बदल जाएगी।
इंटरनेट इन इंडिया सन 1995 में पहली बार विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) के सौजन्य से Internet commercial इस्तेमाल हुआ। उस दौरान इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत बड़ी बात थी, क्योंकि उस वक़्त 9.6 केबीपीएस स्पीड की इंटरनेट के लिए 2.40 लाख रुपये देने होते थे,
जबकि आज 100 एमबीपीएस तक की स्पीड आसानी से मिल जा रही है। Optical fiber broadband connection पर तो स्पीड 1000एमबीपीएस को भी पार कर रही है। 2014 के बाद बदली सूरत, 1995 में एक एमबी की फोटो डाउनलोड (Photo download) करने में सात मिनट का वक़्त लगता था।
पहला इंटरनेट कनेक्शन (First internet connection)
अब हम बात करते हैं पहला इंटरनेट कनेक्शन (First internet connectionc) दोस्तों विदेश संचार निगम ने देश का पहला इंटरनेट कनेक्शन दिया। जिसे चलाने के लिए किसी को एक लैंडलाइन फ़ोन (landline phone) की ज़रूरत थी। हमारे भारत देश में सबसे पहले इंटरनेट कनेक्शन (First internet connection) के लिए डोमेन नेम रजिस्टर करवाने के लिए ERNET की NCST टीम को चुना गया था।
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यह पहली सेवा पब्लिक सर्विस (Public service) जैसी थी, जिसके लिए कोई शुल्क नहीं था लेकिन जल्दी ही मुश्किल खड़ी हुई भारत में इंटरनेट (Internet in india) संचार निगम लिमिटेड द्वारा 15 अगस्त 1995 को इंटरनेट भारत में शुरू हुआ था।
भारत में इंटरनेट का इतिहास (History of internet in india)
दोस्तों हम इंटरनेट के मुख्य कहानी आपके साथ सांझा कर रहे हैं भारत में 70 के दशक में इंटरनेट की कहानी (Internet story) शुरू हुई थी। लेकिन यह उस वक़्त सिर्फ़ है इसकी समझ विकसित करने में जुड़ी थी इसके बाद 1986 में एनसीएसटी और आईआईटी मुंबई (NCST and IIT Mumbai) के बीच ईमेल सेवा की शुरुआत के लिए एक डायल आप लिंक की शुरुआत हुई थी।
इंटरनेट का कमर्शियल (Internet commercial) स्तर पर इस्तेमाल सन 1995 में शुरू हुआ था। 1989 में इंटरनेट का इस्तेमाल एजुकेशन और शोध कार्य के लिए इस्तेमाल हुआ था उस दौरान नेशनल एजुकेशन (National Education) और रिसर्च नेटवर्क के जरिए इंटरनेट मिलता था।
सन 1995 के दौर में सिर्फ़ Satyam Infoway and ISP Provider Company थी। जबकि आज देश में लगभग 360 से अधिक आईएसपी कंपनियाँ हैं जो लगभग घरों तक इंटरनेट पहुँचा रही हैं। उस समय एक रोचक कहानी ईमेल से पहले एक EMAIL से जुड़ी है।
स्टार्टिंग में भारत में इंटरनेट स्पीड ख़र्च (Internet Speed Expenses in India)
दोस्तों जब इंटरनेट 1995 में जब India में शुरू हुआ था। तब स्पीड मिलती थी सिर्फ़ 10 के सिर्फ़ 10 KBPS और वह भी किस क़ीमत पर इसका अंदाजा लगा लीजिए कि आपको 250 घंटे और थके हुए कनेक्शन के लिए उस वक़्त RS15000 देने पड़ते थे।
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सन 1995 में 1 एमबी की फोटो डाउनलोड करने के लिए करीब 7 मिनट का टाइम लगता था। क्योंकि उस दौरान इंटरनेट की स्पीड 2.4 केवी से कुछ ज़्यादा हुआ करती थी। सन 2000 में भारत में इंटरनेट (internet in india) यूजर्स की संख्या 55 लाख के आंकड़े को पार कर गई थी।
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सन 1995 में इंटरनेट की शुरुआत के बाद करीब 15 साल में हालत बहुत नहीं बदली लेकिन 2010 में यह तस्वीर बदलना शुरू हुआ अब internet in india (भारत में इंटरनेट) यूजर की संख्या लगभग 70 से 80 करोड़ से अधिक हो चुकी है। पिछले महज़ 10 साल में यह कारनामा हुआ सन 2014-15 में भारत में इंटरनेट डाटा का कुल ख़र्च 83 हज़ार करोड़ जीबी था।
इंटरनेट के शुरुआत में कंपनियों का वर्क (Corporate work)
दोस्तों अब हम बात करने वाले हैं सबसे बड़ी कंपनियाँ जो Internet से जुड़ी हुई हैं। जबकि आज हर भारतीय हर महीने, औसतन 11 जीबी डाटा ख़र्च कर रहा है। इस स्मार्टफोन के जरिए Internet की सुबह की चाय की तरह और देश में 70 करोड़ से ज़्यादा लोग खांसी स्पीड का डाटा ग्राहक हैं।
अब वह समय है जब World में सबसे बड़ी कंपनी Internet के दाम पर खड़ी हुई है। जैसे गूगल, अमेजॉन, फेसबुक, नेटफ्लिक्स, पेटीएम, जैसे सैकड़ों कंपनियों का पूरा कारोबार ही इंटरनेट पर खड़ा है।
भारत में सन 2005 तक 6500 रजिस्टर्ड वेब वेबसाइट थी। आप इन (iN) 22 लाख वेबसाइट हैं और कुल रजिस्टर वेबसाइट 50 लाख से ज़्यादा है तो देखा जाए आजकल बहुत ही ऐसी कंपनी है जिनका इंटरनेट से सीधा कनेक्शन और उसी के बलबूते पर कार्य कर रहे हैं।
भारत में इंटरनेट का भविष्य (Future of internet in india)
दोस्तों अब हम भारत में इंटरनेट (internet in india) के भविष्य से रिलेटेड जानकारी आपके साथ सांझा कर रहे हैं। जैसे भारत हमारा देश है जहाँ पूरी Duniya सबसे सस्ता इंटरनेट उपलब्ध है। विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में ऑफिशियल इंटेलिजेंट मशीन लर्निंग और ब्लॉकचेन जैसे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल पूरी तरह से इंटरनेट पर ही टिका हुआ है।
ऐसे में हमारे भारत देश अपने सबसे सस्ते और सबसे अच्छे इंटरनेट इकोसिस्टम के दम पर सफलता की नई कहानी लिख चुके हैं। कमर्शियल इस्तेमाल के लिए इसी स्पीड को नॉन कर्मिशयल श्रेणी में पाने के लिए 15 हज़ार रुपए चुकाने होते थे।
Start of internet में लोग पहले सिर्फ़ कंप्यूटर के जरिए इंटरनेट से जुड़ पाते थे, लेकिन आज Mobile phone के जरिये इंटरनेट लोगों की पॉकेट में पहुँच चुका है। इंटरनेट का इस्तेमाल सूचना प्रप्त (Information received) करने से कहीं आगे निकल गया है और इसकी शुरुआत से लेकर अब तक Internet से भाषा बंधन भी पूरी तरह तोड़ दिए हैं। अब लगभग सभी भाषाओं में इंटरनेट सामग्री उपलब्ध है।
पोस्ट निष्कर्ष
दोस्तों आपने हमारी पोस्ट के माध्यम से इंटरनेट इन इंडिया (internet in india) की रियल जानकारी कब और कैसे जानकारी पढ़ी आशा है आपको हमारी जानकारी ज़रूर अच्छी लगी होगी और पोस्ट पड़ने के लिए क्लिक करे।
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